राधा ने कभी बारिश देखी नहीं थी, मगर उसने बारिश की बूँदों को अपने चेहरे पर गिरते महसूस ज़रूर किया था।
रविवार के दिन बारिश उसे ख़ास पसंद थी क्योंकि उस दिन वो पापा के साथ बारिश में छई-छप्पा-छई करती।
आज भी बारिश हो रही है और राधा को इंतज़ार है तो बस अपने पापा के घर लौटने का….
आइये हम भी राधा के साथ इन बारिश की बूंदों को महसूस करें और करें, छई-छप्पा-छई।